कैमूर: बिहार विधानसभा चुनाव के मतदान के लिए नामांकन और स्क्रूटनी खत्म हो गई है। मतदान से पहले ही महागठबंधन को एक और बड़ा झटका लगा है। कैमूर के मोहनिया विधानसभा सीट से राजद की प्रत्याशी श्वेता सुमन का नामांकन रद्द कर दिया गया है। नामांकन रद्द होने के बाद राजद प्रत्याशी ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाये। उन्होंने कहा कि मैं 20 वर्षों से मोहनिया में रह रही हूँ फिर भी भाजपा के लोगों ने अपने पॉवर का दुरूपयोग कर जबरदस्ती अधिकारियों पर दबाव बना कर हमारा नामांकन रद्द करवा दिया है।
श्वेता सुमन ने रोते हुए कहा कि स्क्रूटनी के दौरान मुझे जाति प्रमाण पत्र के साथ बुधवार को आने के लिए कहा गया था और जब मैं वहां पहुंची तो अधिकारियों ने कहा कि अब कुछ नहीं हो सकता है, आपका नामांकन रद्द कर दिया गया है। अब आप चाहें तो कोर्ट जा सकती हैं। इस दौरान राजद की प्रत्याशी श्वेता सुमन ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाये और कहा कि वे लोग कहते हैं कि मैं दूसरे राज्य की हूँ जबकि मैं 20 वर्षों से मोहनिया में रह रही हूँ। पटना से लेकर दिल्ली तक के नेता जबरदस्ती अधिकारियों पर दबाव बना कर मेरा नामांकन रद्द करवा दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा इतना डरी हुई है कि किसी को चुनाव लड़ने देना ही नहीं चाहती है। एक मेरा नामांकन रद्द करवाया है लेकिन फिर भी बिहार में आएगी तेजस्वी की सरकार ही।
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मोहनिया की स्थानीय विधायक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है और उसे पता है कि इस बार वह चुनाव नहीं लड़ेगी तो मतदान से पहले ही सबको अपने रास्ते से हटाना चाहती है। इसलिए मेरे साथ षड्यंत्र किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यहां के अधिकारी भी कह रहे हैं कि मेरे ऊपर दबाव बनाया जा रहा है मैं कुछ नहीं कर सकता हूँ। बता दें कि मोहनिया से राजद उम्मीदवार श्वेता सुमन के खिलाफ भाजपा ने चुनाव आयोग को भी आवेदन दे कर बताया था कि वह बिहार की स्थानीय नहीं हैं इसलिए वह सुरक्षित सीट पर चुनाव नहीं लड़ सकती हैं।