दिव्यांगजनों को 50 किमी तक मुफ्त, उससे अधिक दूरी पर आधा किराया, जेपी सेनानी व स्वतंत्रता सेनानियों को राज्यभर में पूर्ण छूट
पटना: राज्य की सरकारी बसों में 4 लाख 90 हजार 957 दिव्यांगजनों ने मुफ्त यात्रा का लाभ उठाया है। 2017 से 2023 तक इस अवधि में 5,320 जेपी सेनानियों ने भी इस सुविधा का उपयोग किया। दिव्यांगजनों, स्वतंत्रता सेनानियों और जेपी सेनानियों को मिलाकर कुल 4 लाख 96 हजार से अधिक लोगों ने सरकारी बसों में मुफ्त या आधी दर पर यात्रा की।
यह जानकारी मंगलवार को परिवहन विभाग के कामकाज की समीक्षा बैठक में परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान नियमों के अनुसार, दिव्यांगजनों, स्वतंत्रता सेनानियों और जेपी सेनानियों को 50 किलोमीटर तक की यात्रा पूरी तरह मुफ्त है, जबकि इससे अधिक दूरी पर केवल आधा किराया देना पड़ता है। यह सुविधा पूरे बिहार में संचालित सभी सरकारी बसों पर लागू है।
छह प्रमंडलों में बस सेवाएं, गयाजी में सबसे अधिक लाभार्थीप्रदेश के छह प्रमंडलों—पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णिया, गया और भागलपुर—में बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की बसें संचालित हो रही हैं। सबसे अधिक लाभ गयाजी प्रमंडल में मिला, जहां 4 लाख 82 हजार 200 दिव्यांगजनों और 5,320 जेपी सेनानियों ने मुफ्त यात्रा की। इस पर निगम ने 25 करोड़ रुपये व्यय किए।
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अन्य प्रमंडलों में पटना में 4,016, मुजफ्फरपुर में 3,528, दरभंगा में 303, भागलपुर में 669 और पूर्णिया में 91 दिव्यांग यात्रियों ने सुविधा का लाभ उठाया। मंत्री ने कहा कि यह व्यवस्था न केवल यात्रा को सुलभ बनाती है, बल्कि बुजुर्ग स्वतंत्रता सेनानियों और दिव्यांगजनों के प्रति सरकार का सम्मान भी दर्शाती है।
'सबका साथ, सबका विकास' का जीवंत उदाहरण: मंत्री
श्रवण कुमार ने जोर देकर कहा कि प्राइवेट बसों और ऑटो रिक्शाओं के मुकाबले सरकारी बसों का किराया कम होने से यह कदम यात्रियों की आर्थिक बोझ कम करता है। बिहार सरकार का 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' का संकल्प इसी तरह जमीन पर उतर रहा है। विभाग लगातार ऐसी योजनाओं से जनसेवा को मजबूत करने के प्रयासरत है।
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